प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा–गुजरात में हजीरा और घोघा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा से रहन-सहन में सुधार होगा, आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुजरात के हज़ीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का उद्घाटन किया और घोघा तथा हज़ीरा के बीच रो-पैक्स सेवा की शुरुआत की। देश के आर्थिक विकास के लिए जलमार्गों को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। श्री मोदी ने इस अवसर पर रो-पैक्स सेवा के स्थानीय उपयोगकर्ताओं से बातचीत भी की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सेवा गुजरात में लोगों को बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगी और उन्हें अगली पीढ़ी का परिवहन सुलभ होगा। श्री मोदी ने कहा कि घोघा और हज़ीरा के बीच इस सेवा की शुरुआत से दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के लोगों का स्वप्न साकार हुआ है तथा लम्बे इंतजार का अंत हुआ है।
श्री मोदी ने कहा कि इससे घोघा और हज़ीरा के बीच 375 किलोमीटर की दूरी घटकर सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक घोघा से हज़ीरा जाने में 10 से 12 घंटे लगते थे लेकिन अब तीन से चार घंटे लगेंगे। उन्होंने कहा कि इससे समय की काफी बचत होगी और खर्चों में कमी आएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में रो-पैक्स फेरी सेवा के निर्माण में अनेक कठिनाईयां सामने आईं और इसे बनाने में अत्यधिक परिश्रम भी करना पड़ा। उन्होंने अभियंताओं और कर्मचारियों के साथ-साथ इस सेवा से जुड़े उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिनके अथक प्रयासों के बाद यह सेवा शुरू हो पाई है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों का जीवन बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में आर्थिक विकास की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने उन लोगों से भी बातचीत की जिन्हें इस सेवा से लाभ मिलेगा।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात का समुद्री तट समृद्धि का प्रमुख द्वार बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात में समुद्री व्यापार, संबंधित बुनियादी ढांचा और क्षमता निर्माण पूरी रफ्तार से जारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात समुद्रीय क्लस्टर, गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय, भावनगर में विश्व का पहला सीएनजी टर्मिनल और अनेक विकास परियोजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार घोघा और दाहेज के बीच भी फेरी सेवा शुरू करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि परियोजना को पूरा करने के दौरान अनेक प्राकृतिक चुनौतियां सामने आईं लेकिन आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके उनसे निपटा गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार पोत परिवहन मंत्रालय का नाम बदलकर पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय करने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत, माल ढुलाई में आने वाले खर्च में कमी लाने के लिए तेजी से मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी विकसित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार आंतरिक रूप से जुड़े हुए सड़क, रेल, हवाई यातायात और पोत परिवहन के विकास के लिए बुनियादी ढांचा बढ़ाने और इस कार्य में आने वाली गतिरोधों को दूर करने के प्रयास कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि भारत में परिवहन को बेहतर बनाने में उनकी सरकार दूसरे देशों के मुकाबले अधिक धनराशि खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जल परिवहन के जरिए खर्चों में बेहद कमी ला सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ऐसे पारिस्थितिक तंत्र को विकसित करने पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है जिससे कार्गो का अवरोध रहित आवागमन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि समुद्री व्यापार और कारोबार के विशेषज्ञ तैयार करने तथा प्रशिक्षित श्रमिक उपलब्ध कराने के लिए गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय एक बड़ा केन्द्र है। आज गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय कई विधाओं में एमबीए की डिग्री प्रदान कर रहा है, जिनमें समुद्री कानून, समुद्री अंतर्राष्ट्रीय कानून और प्रबंधन, नौपरिवहन और माल ढुलाई प्रमुख हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और पोत परिवहन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी इस अवसर पर उपस्थित थे। हज़ीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगी। इसके शुरू होने से माल ढुलाई में लगने वाले समय में कमी आएगी और प्रतिदिन करीब 9000 लीटर ईंधन की बचत होगी। इस सेवा से कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में प्रतिदिन करीब 240 लाख टन की कमी आएगी।
रो-पैक्स फेरी सेवा के हज़ीरा और घोघा मार्ग पर रोजाना तीन चक्कर लगेंगे। इससे सालाना पांच लाख यात्री, 80 हजार यात्री वाहन, 50 हजार दुपहिया वाहन और तीस हजार ट्रकों का आवागमन होता है। इससे सौराष्ट्र क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। फेरी सेवा शुरू होने से सौराष्ट्र और कच्छ में बंदरगाह क्षेत्र, फर्नीचर उद्योग और उर्वरक उद्योग को मजबूती मिलेगी। गुजरात में विशेष तौर पर पोरबंदर, सोमनाथ, द्वारका और पालिताना में इको-टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को भी बहुत बढ़ावा मिलेगा। इस फेरी सेवा से संपर्क सुविधा बेहतर होगी और गिर के मशहूर एशियाई सिंह वन्य जीव अभयारण्य में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।