प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय रिजर्व बैंक की ग्राहक केन्द्रित दो पहलों को प्रारंभ किया; खुदरा प्रत्यक्ष योजना से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक की जो दो ग्राहक संबंधी नवाचार योजनाएं – खुदरा प्रत्यक्ष योजना और एकीकृत बैंकिंग लोकपाल योजनाएं शुरू की गई है उससे देश में निवेश की संभावना बढ़ेगी और निवेशकों के लिए जमा पूंजी बाजार से राशि उपलब्ध करना आसान और सुरक्षित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि खुदरा प्रत्यक्ष योजना के माध्यम से छोटे निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना आसान हो जाएगा। इसी तरह एकीकृत लोकपाल योजना, एक राष्ट्र, एक लोकपाल का सिद्धांत वास्तविक रूप ले चुका है।
उन्होंने कहा कि इससे बैंक ग्राहकों की सभी शिकायतों का बिना किसी परेशानी के समय पर समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति इस बात से है कि वह कितना मजबूत, संवेदनशील और समाधान तंत्र कितना सक्रिय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास में सरकारी प्रतिभूति बाजार की क्या भूमिका होती है, इससे लोग भलीभांति परिचित है। उन्होंने कहा कि देश वास्तविक और डिजिटल आधारभूत की दिशा में अग्रसर है। मोदी ने यह भी कहा कि अभूतपूर्व निवेश के मामले में छोटे निवेशकों के प्रयास और सहयोग का बहुत अधिक महत्व है।
मोदी ने कहा कि अब तक मध्यम वर्ग के लोगों, छोटे व्यापारियों, वरिष्ठ नागरिकों और लघु बचतकर्ताओं को सरकारी प्रभूति बाजार में निवेश के लिए म्युचल फंड और जीवन बीमा का माध्यम अपनाना पड़ता था। अब समाज के बड़े वर्ग के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में सीधे तौर पर निवेश करने और देश की संपदा में बढ़ोतरी करना सरल हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों में समाधान की पूरी गारंटी का प्रावधान है और छोटे निवेशकों के निवेश पूरी तरह सुरक्षित है। इनसे ऐसे निवेशकों से भरपूर लाभ होगा और नए भारत की आकाक्षांए पूरी होगी।
प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में लोगों का संयुक्त प्रयास बताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साइबर धोखाधड़ी के मामलों के निपटने में बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस का प्रयोग किया है। उन्होंने कोरोना काल के दौरान आर बी आई वित्त मंत्रालय और अन्य वित्तीय संस्थाओं के कामकाज की सराहना की।
प्रधानमंत्री का यह भी कहना था कि खुदरा प्रत्यक्ष योजना और एकीकृत बैंकिंग लोकपाल योजना का उद्देश्य आम लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा उपलब्ध कराना है।
उन्होंने कहा कि क्रेडेट योजना के अंतर्गत दो लाख 90 हजार करोड़ रूपये का लोन दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इससे एक करोड़ 25 लाख कारोबारी अपने व्यापार को और मजबूत कर पाए हैं।
इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार और वित्तीय मंत्रालय ने संयुक्त रूप से लोगों की सुविधा संबंधी निर्णय लिए है।