देश में विकसित टीके कोवैक्सीन के पहले चरण के परीक्षणों में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने वाले नतीजे मिले
नई दिल्ली :- भारत में विकसित कोरोना के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के पहले चरण के परीक्षणों में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने वाले नतीजे मिले हैं। इसके निर्माताओं ने पहले चरण के परीक्षणों के बाद इसकी प्रतिरोधक क्षमता के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से कर रही है।
पहले चरण के परीक्षणों में इस टीके के उपयोग के कोई गंभीर प्रतिकूल परिणाम नहीं देखने को मिले। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान परिषद ने बताया है कि टीके को दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में रखा जा सकता है, जो राष्ट्रीय टीकाकरण योजना के अनुकूल है।
कोवैक्सीन उन तीन टीकों में से एक है, जिनके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने पर भारत के दवा महानियंत्रक की ओर से विचार किया जा रहा है। इस टीके का तीसरे और अंतिम चरण का परीक्षण 18 साल से 55 साल के लगभग 26 हजार स्वयं सेवकों पर किया जा रहा है।