महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ लोकपाल ने सीबीआई-जांच कराने के आदेश दिए
नई दिल्ली : लोकपाल ने पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। लोकपाल ने अपने आदेश में कहा है कि रिकॉर्ड पर यह दिखाई पड़ता है कि मोइत्रा के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। इनकी गहनता से जांच की जानी है।
यह निर्देश भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे की शिकायत पर फैसला करते हुए आया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मोइत्रा ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में लोकसभा में प्रश्न पूछे थे।
लोकपाल ने सी.बी.आई. को मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के सभी पहलुओं पर छह महीने के भीतर जांच पूरी करने और जांच की स्थिति के बारे में हर महीने रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है।
लोकपाल ने कहा कि रिकॉर्ड पर संपूर्ण सामग्री के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और विचार के बाद, इस तथ्य के बारे में कोई संदेह नहीं है कि मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोप, जिनमें से अधिकांश ठोस सबूतों द्वारा समर्थित हैं, बेहद गंभीर प्रकृति के हैं। एक लोक सेवक अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी बरतने के लिए बाध्य है। एक जन प्रतिनिधि के कंधों पर जिम्मेदारी और बोझ अधिक होता है। भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है, जो लोकतांत्रिक देश की विधायी, प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश के आधार पर पिछले साल दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।