लोन मोरेटोरियम मामला: केंद्र से बड़ी राहत, 2 करोड़ तक के लोन पर माफ होगा चक्रवृद्धि ब्याज

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) पिछली सुनवाई में केंद्र को कहा था कि वो विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना लेकर अदालत आए. कोर्ट ने मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी जाहिर की थी.

नई दिल्ली:– कर्ज लेने वालों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत प्रदान कर दी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग ऋण पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाएगा, बल्कि माफ किया जाएगा। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने अदालत को सरकार के फैसले के बारे में हलफनामा दाखिल कर सूचित किया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा था कि वो विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना लेकर अदालत आए। कोर्ट ने मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही कोर्ट ने 31 अगस्त तक NPA ना हुए लोन डिफाॉल्टरों को NPA घोषित नहीं करने का भी अंतरिम आदेश जारी रखने के निर्देश दिए थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की तीन जजों की बेंच कर रही है। वित्त मंत्रालय ने हलफनामे में कहा है कि एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग ऋण पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को पूरी तरह से माफ किया जाएगा। हलफनामे के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी। केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यही केवल समाधान है। केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।
केंद्र ने पैनल की सिफारिशों के बाद ब्याज माफ नहीं करने के रुख को बदल दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को उधारकर्ताओं की मदद करने के निर्देश के बाद पूर्व कैग राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया था। याद रहे कि केंद्र ने कोर्ट में पहले कहा था कि वह ब्याज माफ नहीं कर सकता है और यह बैंकों को प्रभावित करेगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।