केजरीवाल पर बड़ी मुसीबत, LG ने की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी फंडिंग का मामला
आतंकी संगठन ‘सिख फार जस्टिस’ से कथित तौर पर 134 करोड़ रुपये राजनीतिक चंदा लेने का मामला।
आरोप है कि आतंकी भुल्लर की रिहाई और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए दिया गया चंदा।
1993 में भारतीय युवा कांग्रेस कार्यालय के बाहर हुए कार बम धमाके का दोषी है आतंकी देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर।
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कारण, पहले से ही जेल में बंद केजरीवाल के खिलाफ एलजी ने ED-CBI के बाद अब NIA जांच की सिफारिश की गई है। इसको लेकर एलजी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसमें उन पर आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से फंड लेने का आरोप लगाया गया है. उन पर 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर लेने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने NIA जांच की सिफारिश की है. आम आदमी पार्टी ने इसे षड्यंत्र करार दिया है।
दरअसल, एलजी वीके सक्सेना को विश्व हिंदू महासंघ की तरफ से लिखित शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे। इसके बाद वीके सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्री से एनआईए जांच की सिफारिश की है। इसमें कहा गया है कि चूंकि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है तो ऐसे में शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की फोरेंसिक सहित पूरी तरह जांच की जरूरत है।
एलजी ने अपनी सिफारिश में जनवरी 2014 में केजरीवाल द्वारा इकबाल सिंह को लिखे गए एक पत्र का भी हवाला दिया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि AAP सरकार ने पहले ही राष्ट्रपति को प्रोफेसर भुल्लर की रिहाई की सिफारिश की है. भुल्लर की रिहाई के लिए लिखित आश्वासन की मांग को लेकर इकबाल सिंह जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे थे और केजरीवाल का पत्र मिलने के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया था। शिकायत में सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख और प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा जारी एक वीडियो का हवाला दिया गया है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि AAP को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले।
यह भी आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने 2014 में अपनी यात्रा के दौरान गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स, न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठकें की थीं, जिसमें केजरीवाल ने खालिस्तानी गुटों से AAP को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था।
सोशल मीडिया पर AAP के एक पूर्व कार्यकर्ता, डॉ मुनीश कुमार रायज़ादा ने भी न्यूयॉर्क के गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स में खालिस्तानी नेताओं के साथ केजरीवाल की कथित बैठक की तस्वीरें शेयर कीं. इसे भी एलजी ने जांच के लिए अपनी सिफारिश में मुद्दा बनाया है।
दिल्ली एलजी कार्यालय को विश्व हिंदू महासंघ भारत के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया का एक पत्र मिला था, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोपों की गहन जांच का आग्रह किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि AAP को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन डॉलर मिले. आरोप है कि इसके बदले न्यूयॉर्क में रिचमंड हिल गुरुद्वारा में एक गुप्त बैठक के बाद दोषी आतंकवादी देवेंदर पाल भुल्लर की रिहाई करने का वादा किया गया।