प्रधानमंत्री ने कहा-जल जीवन मिशन सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से महिलाओं और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने का एक आंदोलन
नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन को जनभागीदारी के साथ महिलाओं और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के लिए एक आंदोलन करार दिया है। जल जीवन मिशन पर देश भर की ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत करते हुए मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को पानी और स्वच्छता की सुविधा के लिए दो लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नल के पानी की गुणवत्ता और इसकी आपूर्ति तथा योजना से संबंधित सवालों के जवाब के लिए जल जीवन मिशन मोबाइल ऐप की शुरूआत की है। मोदी ने कहा कि स्वच्छ पानी और पानी की कमी वैश्विक मुद्दे हैं। उन्होंने भारत के लोगों से स्वच्छ जल के महत्व को समझने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 तक देश में केवल तीन करोड़ घरों में ही नल का पानी उपलब्ध था। मोदी ने कहा कि 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद से अब तक पांच करोड़ घरों को नल से जल याोजना से जोड़ा गया है। आज देश भर के 80 जिलों के एक लाख 25 हजार गांवों के लगभग हर घर को स्वच्छ जल मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार ने किसानों और ग्रामीणों को समर्थन देने के लिए अटल भु-जल योजना, नमामि गंगे मिशन, पीएम कृषि योजना और प्रति बूंद पेयजल प्रबंधन तथा कृषि के लिए जल आपूर्ति से अधिक फसल अभियान के तहत कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गांवों में बनाई गई जल समितियों में 50 प्रतिशत महिलाओं को शामिल किया गया है।
यह उनकी सक्रिय भागीदारी और इस मिशन की सफलता के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयासों को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि सरकार न केवल पानी और स्वच्छता सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास को सशक्त बना रही है, बल्कि पशु आश्रय केंद्र स्थापित करके गांवों में उत्पादित जैव-अपशिष्ट का उपयोग करने पर भी काम कर रही है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन ऐप की शुरूआत करने के साथ ही राष्ट्रीय जल जीवन कोष का भी शुभारंभ किया। इस मिशन के तहत देश अथवा विदेश का हर व्यक्ति, संस्था, उदृयोग जगत हर ग्रामीण घर, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आश्रम और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने में सहयोग कर सकता है।