संसद टीवी का शुभारम्भ, अब संसद टीवी ओ.टी.टी. प्लेटफार्म एवं सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध और इसका अपना मोबाइल एप भी होगा
नई दिल्ली :- उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से आज संसद टीवी का शुभारंभ किया।
आज ही अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस भी है। इस साल फरवरी में, लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर संसद टीवी की शुरूआत करने का निर्णय लिया गया था।
संसद टीवी के कार्यक्रम मुख्य रूप से चार श्रेणियों में होंगे। संसद तथा लोकतांत्रिक संस्थानों का कामकाज, योजनाओं का संचालन तथा कार्यान्वयन और भारत की नीतियां, इतिहास तथा संस्कृति के अलावा सम-सामयिक प्रकृति के मुद्दों, रूचियों तथा विभिन्न सराकारों से सम्बंधित विषयों पर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे।
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में दुनिया का सबसे जीवंत संसदीय लोकतंत्र हैं और यह आयोजन, मीडिया तथा लोकतांत्रिक शासन के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को उजागर करता है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और इसके लिए लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक संरचना नहीं बल्कि राष्ट्रीय भावना है। मोदी ने कहा कि संसद टीवी के शुभारंभ का दिन, देश की संसदीय प्रणाली में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी, संचार और संवाद में क्रांति ला रही है। उन्होंने कहा कि इस बदलते समय में यह आवश्यक हो जाता है कि संसद से जुड़े चैनल भी आधुनिक व्यवस्थाओं के अनुरूप स्वयं को बदलें। मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में मीडिया की भूमिका भी बदली है और यह क्रांति ला रहा है, इसलिए आधुनिक तकनीक के अनुरूप परिवर्तन महत्वपूर्ण हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि संसद टीवी ओटीटी प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया पर उपलब्ध होगा और इसका ऐप भी होगा।
मोदी ने कहा कि आज इंजीनियर दिवस भी मनाया जा रहा है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इंजीनियर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और टीवी उद्योग में भी उनका प्रमुख योगदान है।
उन्होंने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि कंटेंट राजा है, लेकिन उनका मानना है कि लोकतंत्र में कंटेंट, कनेक्ट है जिस पर अक्सर संसद में चर्चा और बहस होती है। इससे शासन में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहन मिलता है।
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि संसद टीवी पर जमीनी लोकतंत्र के तौर पर काम करने वाली पंचायतों पर भी कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद टीवी, संसद और जनता के बीच संचार की एक कडी होगा। उन्होंने कहा कि इस चैनल पर पंचायत और संसद से सम्बंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।