रायपुर :-  राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना हेतु गठित छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के निर्देश पर संपूर्ण प्रदेश में 5549 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से नगरीय क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। ये सुपरवाईजर अपने प्रभार क्षेत्र में मोबाईल एप्प से प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन करेंगे।

छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत 14 नगर निगमों में 558 सुपरवाईजर तथा 155 नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में 545 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये हैं, जो मोबाईल एप के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन करेंगे।

इसी प्रकार ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 28 जिलों के 146 विकासखण्डों में 11 हजार 646 पंचायतों में 4446 सुपरवाईजर नियुक्त किये गये हैं। मैदानी क्षेत्रों में 04 ग्राम पंचायतों पर एक सुपरवाईजर तथा अधिसूचित क्षेत्रों में दो ग्राम पंचायतों पर एक सुपरवाईजर नियुक्त किये गए हैं।

ये सुपरवाईजर भी अपने प्रभार क्षेत्र में मोबाईल एप्प से प्राप्त आवेदन पत्रों तथा राशन कार्ड में उपलब्ध सदस्यों के डाटा का सत्यापन करेंगे।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मापदण्ड हेतु भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी परिपत्र के अनुसार दिये गये प्रावधानों के अनुरूप आवेदक के डाटा का पंजीयन किया जायेगा तदनुसार किसी भी परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जायेगा। परंतु उसके पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए, साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में 900 वर्गफुट से कम क्षेत्र का आवासीय भूखण्ड अथवा 1000 वर्ग फुट से कम का फ्लेट धारित करता हो। इस निर्धारित मापदण्ड से अधिक क्षेत्रफल होने से आर्थिक से कमजोर नहीं माना जायेगा।

ग्रामीण क्षेत्र में 5 एकड़ से कम कृषि भूमि तथा 2000 वर्ग फुट से कम क्षेत्र का मकान या आवासीय भूखण्ड पाये जाने पर ही आर्थिक रूप से कमजोर माना जायेगा।

राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग द्वारा 10 अगस्त 2020 को जारी पत्रानुसार घोषित जाति गणना में शामिल होंगी। इस वर्ग में लगभग 95 जातियां शामिल हैं। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के अंतर्गत कुछ जाति को अन्य पिछड़े वर्ग के अंतर्गत शामिल किया गया है।