स्वदेश में निर्मित डीएनए आधारित जायडस कैडिला के कोविडरोधी टीके को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली
नई दिल्ली :- ज़ायडस कैडिला को भारत के दवा महानियंत्रक से ज़ाइकोव-डी वैक्सीन के आपात उपयोग की अनुमति मिल गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह विश्व की पहली और भारत की स्वदेश में विकसित डीएनए आधारित कोविड-19 की वैक्सीन है जो बच्चों और 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के व्यस्कों को दी जाएगी।
इसे मिशन कोविड सुरक्षा के अंतर्गत जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के साथ भागदारी में विकसित किया गया है और जैव-प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद- बीआईआरएसी ने कार्यान्वित किया है।
तीन खुराक की यह वैक्सीन दिए जाने के बाद एसएआरएस-कोव-2 वायरस में स्पाइक प्रोटीन बनाती है और प्रतिरोधक प्रभाव उत्पन्न करती है जिससे कोविड बीमारी और वायरल क्लियरेंस के रोकथाम में मदद मिलती है। प्लग एंड प्ले प्रौद्योगिकी पर आधारित प्लाजमिड डीएनए प्लेटफॉर्म वायरस के विभिन्न स्वरूपों से आसानी से निपट सकता है।
मंत्रालय ने बताया कि 28 हजार से अधिक लोगों पर किए गए नैदानिक परीक्षण के अंतरिम परिणामों से आरटी-पीसीआर लक्षण वाले पॉजीटिव मामलों के लिए 66 दशमलव छह प्रतिशत प्राथमिक प्रभावशीलता का पता चला है। इस वैक्सीन के लिए भारत में अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण किया गया है। इस वैक्सीन ने पहले किए गए चरण एक और चरण दो के नैदानिक परीक्षण में मजबूत प्रतिरक्षाजनत्व और सही तथा सुरक्षा प्रदर्शित की है। चरण एक, दो और तीन के नैदानिक परीक्षण की निगरानी स्वतंत्र डेटा सुरक्षा मॉनिटरिंग बोर्ड ने की है।
भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और बीआईआरएसी की अध्यक्ष डॉक्टर रेणु स्वरूप ने कहा है कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि विश्व की पहली डीएनए वैक्सीन जाइकोव-डी को जायडस ने जैव प्रौद्योगिकी विकास की भागीदारी में मिशन कोविड सुरक्षा के सहयोग से विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वैक्सीन मिशन कोविड सुरक्षा आत्मनिर्भर भारत पैकेज तीन-शून्य के अंतर्गत शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य जन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और प्रभावशाली कोविड-19 वैक्सीन का विकास करना है।
डॉक्टर स्वरूप ने विश्वास व्यक्त किया कि यह वैक्सीन भारत और विश्व के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वैक्सीन विकास मिशन में यह एक महत्पूर्ण मील का पत्थर है और इसने भारत को नोवेल वैक्सीन विकास के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
जाइडस समूह के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा कि वे बहुत प्रसन्न हैं कि जाइकोव-डी ने कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन बनाने के प्रयासों ने वास्तविक सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में विश्व में ऐसा पहला डीएनए वैक्सीन विकसित करना भारतीय अनुसंधान वैज्ञानिकों और उनकी नवाचार की भावना के लिए अत्यंत सराहनीय है।